LIC Jeevan Anand (815) अगर आप भी LIC से बीमा पालिसी लेना चाहते है। तो LIC जीवन लाभ आपके लिए बेहतर है। भारत की जीवन बीमा निगम (LIC) अपने कस्टमर्स को कई इन्सुरेंस पालिसी उपलब्ध कराती है। जिसमे कस्टमर्स को काफी लाभ मिलते है। लीछ देश की सबसे भरोसेमंद बीमा कम्पनियो में से एक मानी जाती है। LIC Jeevan Anand (815) को लीछ ने कुछ इस तरह बनाया है। जिससे छोटे और बड़े कस्टमर्स को आसानी से इसमें निवेश कर सकते है।
क्या है LIC Jeevan Anand(815)
वित्तीय सुरक्षा के लिए एक इन्सुरेंस प्लान का होना बहुत जरुरी होता है। LIC Jeevan Anand (815) इसी सुरक्षा को देख कर बनाया गया प्लान है। यह योजना बंदोबस्ती बीमा और आजीवन बीमा का मिश्रण है| यह बीमित व्यक्ति को मृत्यु के विरुद्ध जीवन भर वित्तीय सुरक्षा का आश्वासन देती है और उसके जीवित रहने पर एक निर्धारित अवधि के बाद बीमा राशि का बोनस के साथ एकमुश्त भुगतान करती है|
इस योजना के तहत मैच्युरिटी (परिपक्वता) लाभ के रूप में पालिसी धारक को, बीमित रकम + पूरे पालिसी अवधि तक जमा हुआ बोनस + फाइनल एडिशनल बोनस(अगर कुछ है तो) का भुगतान किया जाता है। इसके बाद जब कभी भी पालिसी धारक की मृत्यु होती है(पालिसी अवधि के बाद भी) तो, नॉमिनी को मृत्यु लाभ के रूप में फिर से बीमित रकम का भुगतान किया जाता है।अगर पालिसी अवधि के दौरान, पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को, मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाता है।
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LIC जीवन आनंद प्लान के लिय योग्यता
प्रवेश की न्यूनतम उम्र | 18 साल ( पूर्ण) |
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प्रवेश की अधिकतम उम्र | 50 बर्ष ( निकटतम जन्म दिन) |
प्रीमियम भुगतान | वार्षिक, अर्धवार्षिक, तिमाही, मासिक |
पालिसी की अवधि (Term) | 15 से 35 वर्ष |
बीमा राशि (Sum Assured) | 100000 से उपर ( 5000 के गुणक में) |
प्रीमियम भुगतान विधि (mode) छुट | 2% वार्षिक एवं 1% अर्धवार्षिक प्रीमियम पर |
अभायर्पण (Surrender) | 3 बर्ष चलाने के बाद |
कर्ज (Loan) | 3 बर्ष चलाने के बाद |
LIC जीवन आनंद प्लान मृत्यु लाभ
- मृत्यु लाभ, पालिसी धारक की मृत्यु जिस वर्ष में होती है उसपर निर्भर करती है।
- अगर पालिसी धारक की मृत्यु, पालिसी अवधि के भीतर होती है तो उसके नॉमिनी को बीमित रकम के साथ उसके मृत्यु तक जमा हुआ बोनस साथ में मिलेगा।
- अगर पालिसी धारक की मृत्यु पालिसी अवधि के पूर्ण होने के बाद होती है, जहाँ उसे मैचुरिटी लाभ पहले ही मिल चूका है तो नॉमिनी को बीमित रकम वापस मिलती है।
- पालिसी धारक के 21 साल से पहले मृत्यु की दशा में बीमा राशि (Sum Assured) का 125 % + मृत्यु के समय तक निहित साधारण प्रत्यावर्ती बोनस (Bonus)+ अंतिम अतिरिक्त बोनस (FAB) nominee को दी जायेगी. उम्र- वार और साल-वार मृत्यु दावा राशि अगले टेबल में दी गयी है |
- अगर मृत्यु किसी दुर्घटना से होती है तो बीमा राशि के बराबर राशि और दी जायेगी नीचे टेबल में इसे दुर्घटना लाभ के रूप में दर्शाया गया है |
वर्ष | उम्र | वर्ष-वार व उम्र-वार मृत्यु दावा राशि (लगभग) | वर्ष-वार व उम्र-वार दुर्घटना मृत्यु दावा राशि (लगभग) |
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2016 | 25 | 649500 | 1149500 |
2017 | 26 | 674000 | 1174000 |
2018 | 27 | 698500 | 1198500 |
2021 | 28 | 723000 | 1223000 |
2021 | 29 | 747500 | 1247500 |
2021 | 30 | 772000 | 1272000 |
2022 | 31 | 796500 | 1296500 |
2023 | 32 | 821000 | 1321000 |
2024 | 33 | 845500 | 1345500 |
2025 | 34 | 870000 | 1370000 |
2026 | 35 | 894500 | 1394500 |
2027 | 36 | 919000 | 1419000 |
2028 | 37 | 943500 | 1443500 |
2029 | 38 | 968000 | 1468000 |
2030 | 39 | 1007500 | 1507500 |
2031 | 40 | 1034500 | 1534500 |
2032 | 41 | 1064000 | 1564000 |
2033 | 42 | 1093500 | 1593500 |
2034 | 43 | 1135500 | 1635500 |
2035 | 44 | 1165000 | 1665000 |
2036 | 45 | 1214500 | 1714500 |
2037 | 46 | 1274000 | 1774000 |
2038 | 47 | 1338500 | 1838500 |
2039 | 48 | 1388000 | 1888000 |
2040 | 49 | 1462500 | 1962500 |
एलआईसी जीवन आनंद योजना में आयकर लाभ
प्रीमियम भुगतान: इस योजना में भरे जानेवाले प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट दी गई है। अधिक से अधिक 1.5 लाख की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
क्लेम राशि: इस योजना मे मैचुरिटी(परिपक्वता) अथवा मृत्यु पर मिलनेवाला लाभ मे आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत छूट दी गई है। क्लेम राशि की कोई सीमा नहीं है।
क्या होता है जब आप LIC Jeevan Anand के प्रीमियम का भुगतान रोक देते हैं?
ग्रेस(अतिरिक्त) समय: नियमित रूप से तय तारीख पर प्रीमियम का भुगतान आवश्यक है। अगर किसी कारणवश तय तारीख पर आप प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सके, तो एलआईसी द्वारा आपको प्रीमियम के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है। यह समय 30 दिन और 15 दिन का होता है। 30 दिन का अतिरिक्त समय उनको दिया जाता है जो वार्षिक, छमाही या तिमाही तौर पर प्रीमियम का भुगतान करते हैं। 15 दिन का अतिरिक्त समय उनको दिया जाता है जो मासिक तौर पर प्रीमियम का भुगतान करते हैं।
पेड अप मुल्य : अगर ग्रेस(रियायती) समय में भी प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो पालिसी बंद हो जाती है। अगर कम से कम तीन वर्षों के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो तो पालिसी, पेड अप पालिसी में बदल जाती है। इस पेड अप पालिसी में मिलनेवाली राशि के भुगतान की गणना इस प्रकार है, बीमित रकम को भुगतान की गई प्रीमियम और वास्तविक देय प्रीमियम के अनुपात से कम किया जाता है। इस गणना से जो रकम मिलती है उसमें जमा हुआ बोनस भी जोड़ा जाता है। पेड अप पालिसी में भविष्य में मिलनेवाला बोनस नहीं जोड़ा जाता है। और इस पेड अप रकम का भुगतान एलआईसी द्वारा मैचुरिटी(परिपक्वता) या मृत्यु पर किया जाता है।
सरेंडर(समर्पण) मुल्य: अगर पालिसी धारक चाहे तो पालिसी सरेंडर कर सकता है, और सरेंडर मुल्य प्राप्त कर सकता है। लेकिन सरेंडर मुल्य तभी लागू होती है जब आपने पालिसी के तहत पहले तीन वर्ष का प्रीमियम भरा है। पालिसी सरेंडर करने पर गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू में से जो भी अधिक है उसका भुगतान किया जाता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है।
LIC Jeevan Anand गारंटीड सरेंडर वैल्यू
गारंटीड सरेंडर वैल्यू = (कुल प्रीमियम भुगतान का 30%) – (पहले वर्ष का प्रीमियम)
स्पेशल सरेंडर वैल्यू = इसकी गणना कंपनी द्वारा उसके भविष्य के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
रिवाइवल(पुनर्जीवन): ऐसी पालिसी जो बंद हो गई है और पेड अप पर चल रही है, उसको फिर से रिवाइव(पुनर्जीवित) किया जा सकता है। पर इसे पुनर्जीवित आखिरी भरे हुए प्रीमियम से दो साल के भीतर ही किया जा सकता है। इसके लिए बकाया प्रीमियम के साथ उसपर लगे हुए ब्याज भी देना होता है।
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