स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कैसे करें, ऐसे होगी मोटी कमाई Strawberry Farming Hindi

Last Updated on: 19th September 2022, 03:00 pm

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नमस्कार दोस्तों, आज के समय में स्ट्रॉबेरी खाना किसे पसंद नहीं है। स्ट्रॉबेरी का नाम सुनते की ही आपको स्ट्रॉबेरी आइसक्रीम याद आयी होगी। लाल कलर की दिखने वाली स्ट्रॉबेरी खाने में जितनी स्वादिस्ट है उससे ज्यादा सेहत के लिए अच्छी भी। इसी वजह से आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है की कैसे आप स्ट्रॉबेरी की खेती Strawberry Farming in Hindi कर सकते है

भारत में बेरी की बुवाई सितंबर और अक्टूबर में की जाती है क्योकि स्ट्रॉबेरी की खेती ठंडी जगह पर ज्यादा की जाती है लेकिन ठंडी जगहों पर इसे फरवरी और मार्च में भी बोया जा सकता है और लाभ कमाया जा सकता है वहीं पॉली हाउस में या संरक्षित Strawberry Farming Hindi विधि से खेती करने वाले किसान अन्य महीनों में भी बुवाई करते हैं इसके लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त रहता है. तापमान बढ़ने पर स्ट्रॉबेरी पौधों में नुकसान होता है और उपज प्रभावित होती है आइये जानते है स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कैसे करें और क्या क्या जरुरी Strawberry Farming Hindi है।

स्ट्रॉबेरी का इस्तेमाल और फायदे Strawberry Farming

जैसा की मैंने आपको अभी बताया की स्टॉबेरी जितनी देखने में अच्छी और खाने में स्वादिस्ट होती है। इसके साथ ही स्ट्रॉबेरी में काफी यैसी चीज़े है जो आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। जैसे स्ट्रॉबेरी में आपको काफी मात्रा में विटामिन C, विटामिन A और विमामिन K देखने को मिलता है। स्ट्रॉबेरी को काफी चीज़ो में इस्तमाल किया जाता है। जैसे आइसक्रीम,मिल्कशेक,कैंडी,बिस्कुट ये सब बनाने के लिए स्ट्रॉबेरी का इस्तमाल किया जाता है। 


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स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कहा की जाती है Strawberry Farming

आज के समय में बहुत से जगह पर स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है। स्ट्रॉबेरी की खेती मुख्य तौर पर कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी हिस्सों में की जाती है। पर अभी स्ट्रॉबेरी की खेती महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, नैनीताल, देहरादून इन जगह पर भी करना किसानो ने शुरू कर दी है। 

स्ट्रॉबेरी की खेती इन जगह पर किसानो द्वारा सितम्बर से नवम्बर के दौरान की जाती है। इसके साथ जो ठन्डे इलाके है जैसे कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड इन जगह इसकी खेती फरवरी से मार्च के बिच में की जाती है। स्ट्रॉबेरी की खेती अब आप Polyhouse की मदत से किसी भी महीने में कर सकते है। इससे स्ट्रॉबेरी की खेती अब करना बहुत आसान हो गया है। 

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिट्टी और मिट्टी की जांच करे 

स्ट्रॉबेरी की खेती Strawberry Farming के लिए बलुई दोमट मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इस मिटटी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आपको मिट्टी की जांच करवाना आवश्यक है। मिट्टी की जांच इस लिए की इससे आपको मिट्टी की परिस्थति के बारे में पता चलता है। 

जैसे की इस मिट्टी में कोनसा पोषक तत्त्व कम या ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है। इससे आप खाद और बाकी चीज़ो का सही से उपयोग कर सकते है। मिट्टी की जांच आप किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र में कर सकते है। इसके लिए आपको मिट्टी का सैंपल ले जाने की जरूरत होगी। 

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स्ट्रॉबेरी की प्रजातियां और किस्मे कोनसी है

किसी भी फल की खेती करने से पहले उसकी किती प्रकार की प्रजातियां और किस्मे है। इस बात का जानना हमारे लिए बहोत जरूरी है। स्ट्रॉबेरी की पूरी दुनिया में 600 से ज्यादा किस्मे Available है। पर भारत में इसकी किसान इसकी खेती करने के लिए कमारोसा, स्वीड चार्ली, चांडलर,ओफ्रा, ब्लैक मोर, एलिस्ता और फेयर फॉक्स जैसी किस्मों का इस्तेमाल करते हैं। 

स्ट्रॉबेरी की खेती करने के तरीके क्या है Strawberry Farming

स्ट्रॉबेरी की खेती आप खेत में Polyhouse की सहायता से भी कर सकते है। इसके अलावा जिन लोगो को Home Gardening का शौक है। वह लोग स्ट्रॉबेरी की खेती घर छत पर भी कर सकते है। घर पर स्ट्रॉबेरी की खेती टिश्यू पेपर नर्सरी की मदत से होती है। मैं आपको अभी तरीके बताने वाला हु जिससे आप स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते है। स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए आपको स्ट्रॉबेरी का बीज साथ में खाद या कम्पोस्ट की जरूरत होगी।

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स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करे 

अब हम बात करते है की स्ट्रॉबेरी की खेती करने की प्रक्रिया क्या है। स्ट्रॉबेरी की खेती आप अगर अभी सितम्बर महीने में कर रहे है। तो आपको सबसे पहले 3-4 बार रोटर से अपने खेत की जुताई करनी होगी। इसके बाद खेत में गोबर या खाद डाल देना है इससे आपको ज्यादा लाभ देखने को  मिलता है। ये सब होने के बाद आपको खेत में बेड बनाना पड़ता है। 

बेड बनाते वक़्त एक बात का ध्यान दे की इसकी चौड़ाई दो फ़ीट तक होनी चाहिए और इतनी ही एक दूसरे में दुरी होनी चाहिए। इसके बाद बारी आती है पौधा लगाने की पौधा लगाने के लिए आप प्लास्टिक मल्चिंग की जाती है इसमें एक तय दुरी पर उसमे छेद किया जाता है। जिससे पौधों को पानी मिल सके इसके बाद यानि पौधे लगाने के बाद स्प्रिकंलर से सिंचाई कर देनी चाहिए। 

सिचाई करते वक़्त समय समय पर नमी को ध्यान रखते हुए ही सिचाई करे। स्ट्रॉबेरी की अच्छी फसल के लिए उसमे खाद देना जरूरी है। आप या तो खुद जैविक खाद बना सकते है या मार्केट से कम्पोज़िट खरीद कर फसल में डाल सकते है। आप खाद को हमेशा कृषि वैज्ञानिक के सलाह से ही ले इससे आपकी फसल अच्छी रहती है। 

आप अगर पौधे लगाते है तो उसमे करीब एक से डेढ़ महीने के बाद स्ट्रॉबेरी की फल आते है। जो हाला की शुरू में पके नहीं होते ये सिलसिला चार से पांच महीने तक चलता है। जब स्ट्रॉबेरी के फल का कलर अधिक लाल हो जाए उसके बाद उसकी तुड़ाई कर देनी चाहिए। तुड़ाई का मतलब है की स्ट्रॉबेरी को फल से तोड़ लेना चाहिए। आपको स्ट्रॉबेरी के पेड़ को हर पांच महीने बाद फल देखने को मिलेंगे। 

घर पर स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करे 

Strawberry Farming Hindi- आपको अगर शौकिया तौर पर Home Gardening करना अच्छा लगता है। तो आप घर पर भी स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते है। 

  • इसके लिए आपको सबसे पहले एक स्ट्रॉबेरी के फल को लेना है। 
  • इसके बाद उसके अच्छे से स्लाइस में काट कर उसे टिश्यू पेपर पर सुखाने के लिए रखना है। कुछ दिन के बाद आपको उसी स्ट्रॉबेरी के स्लाइस में स्ट्रॉबेरी के बीज देखने को मिलेंगे। 
  • आपको उन स्ट्रॉबेरी के बीज को एक गमले में लगाना है। इसके लिए आपको थोड़ी Gardening Soil,Compost,Cocopeat ये सब लेना है। 
  • सबसे पहले आपको गमले में छेद कर लेने है उसके बाद उस गमले में कुछ पत्थर डालने है। यह सब होने के बाद आपको Soil,Compost,Cocopeat इन सब को मिक्स करके गमले में डालना है बाद में उसमे स्ट्रॉबेरी के बीज डालने है। 
  • इसके बाद कुछ दिन आपको स्ट्रॉबेरी के पौधे देखने को मिलेंगे। इसके बाद आपको उन पौधों को निकाल कर बड़े गमले में सेम तरीके से डालना Strawberry Farming Hindi है। 

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स्ट्रॉबेरी की खेती में लगने वाली कीट एवं रोग 

Strawberry Farming Hindi- स्ट्रॉबेरी की खेती में पौधों को बहोत बार रोग एवं कीट से नुकसान होता है। स्ट्रॉबेरी की खेती करते वक़्त फसल में थ्रिप्स, लाल मकड़ी, चेफर, झरबेरी,काला धब्बा, ग्रे मोल्ड,रस भृग इस तरह के रोग लग सकते है। इसके लिए आपको इसकी खेती करते वक़्त समय समय पर कृषि विशेषज्ञों सलाह लेनी चाहिए। 

इसके साथ ही स्ट्रॉबेरी की खेती में सिचाई करते वक़्त आपको समय समय पर नमी को ध्यान रखते हुए सिचाई करनी है। स्ट्रॉबेरी के फल आने के बादटपक विधि से ही सिंचाई करें।

स्ट्रॉबेरी की खेती में लागत कितनी है 

Strawberry Farming Cost- स्ट्रॉबेरी असल में एक काफी महंगा फल है। इसकी वजह से इसकी खेती में भी थोड़ा ज्यादा खर्चा आता है। जैसे आप स्ट्रॉबेरी की खेती एक एकर में करते है। तो आपको 4 लाख तक की इन्वेस्टमेंट लग सकती है। स्ट्रॉबेरी की खेती में आपको स्ट्रॉबेरी की बीज या पौधे लेने में पैसे खर्चा होते है। इसके अलावा खेती के जुताई और खाद कम्पोस्ट में भी आपके पैसे खर्चा होते है। 

स्ट्रॉबेरी की खेती में कमाई कितनी है 

स्ट्रॉबेरी की किंमत बाज़ार में 300 से 400 रुपये है इसके अलावा अच्छी क्वालिटी की स्ट्रॉबेरी 400 से 600 रुपये किलो मिलती है। इसके हिसाब से आप स्ट्रॉबेरी की खेती से 9 से 10 लाख रुपये का मुनफा कमा सकते है। इसके अलावा स्ट्रॉबेरी की डिमांड आज विदेशो में भी है अगर आपकी स्ट्रॉबेरी अच्छी क्वालिटी की है। यो वह आप विदेशो में भी भेज सकते है इससे आपको ज्यादा मुनफा Strawberry Farming Profit हो सकता है।

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